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ज्योतिषशास्त्र में धनरात्रि श्रीलक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के उपाय
प्रातः काल उठते ही मानसिक रूप से 21 बार "श्री" का उच्चारण कर अपनी माता के चरण स्पर्श करे अथवा घर में जो वृद्ध स्त्री हो, उनके चरण स्पर्श करे। श्री वृद्धि होगी।
अपने निवास में कुछ कच्चा स्थान अवश्य रखे। घर के मध्य में हो तो अच्छा है यदि वहाँ तुलसी का पौधा लगाकर नित्य प्रति जलाभिषेक से पूजा करे तो बाधित पूर्ण होंगे।
किसी भी प्रथम शुक्रवार को सफ़ेद रुमाल में सवा सौ ग्राम मिश्री बांधकर लक्ष्मीनारायण मंदिर में अर्पित कर दे। तीन शुक्रवार तक करने मात्र से आपको इसका प्रभाव दिखाई देने लगेगा। शुभ समाचार या धनागमन हो सकता है।
प्राण प्रतिष्ठित अभिमंत्रित घोड़े की नाल को अपने घर के मुख्य द्वार पर लगावे।
प्रत्येक शुक्रवार को माँ लक्ष्मी का स्मरण करके कोई भी सफेद प्रसाद कन्याओ को बांटे। लक्ष्मी प्रसन्न रहेगी।
प्रत्येक मंगलवार को रोटी पर गुड रखकर और शनिवार को सरसो का तेल लगाकर रोटी पर गुड रखकर कुत्तो को दे। माँ लक्ष्मी की कृपा रहेगी।
प्रत्येक शनिवार अमावस्या को आठ इमरती कुत्तो को देवे। आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।
मंगलवार को हनुमानजी को 11 रूपये के गुड चने का भोग लगाए। फिर पान के पत्ते पर माखन और सिन्दूर रखकर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करे। यह प्रयोग तीन मंगलवार तक करे। चमत्कार महसूस करेंगे। अचानक खर्चो में रूकावट आकर आपके पास धन स्थिर होने लगेगा।
घर में नियमित पूजा करते समय दीपक में रुई की बाती के स्थान पर मौली की बाती का प्रयोग करे, क्योकि माँ लक्ष्मी को रक्त वर्ण सर्वाधिक प्रिय है।
किसी भी श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार को 9 वर्ष से कम की 11 कन्याओ को खीर के साथ मिश्री का भोजन कराये तथा उपहार में लाल वस्त्र दे। यह उपाय प्रथम शुक्रवार से आरम्भ करके लगातार 6 शुक्रवार तक करना है। आर्थिक लाभ उतरोतर बढ़ने लगेगा।
प्रत्येक शुक्रवार को श्रीसूक्त या बीज युक्त श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करे यह प्रयोग प्रतिदिन नियमित रूप से भी हो सकता है। श्री सूक्त के पाठ का प्रभाव सात शुक्रवार के पाठ से ही दिखने लगेगा और जो व्यक्ति श्री सूक्त का नियमित पाठ करता है उसके घर में धन वृद्धि के साथ-साथ उस व्यक्ति की अपमृत्यु भी नहीं होती है।
लक्ष्मी प्राप्ति के सामान्य सूत्र
सुगढ़ ग्रहणी को दैनं दिन कार्यो में बहुत ध्यान रखना चाहिए। अधोलिखित सूत्र प्रत्येक गृहस्थी के लिए माननीय है, करणीय है। ये सूत्र देवी लक्ष्मी प्राप्ति के स्वर्णिम सूत्र है।
याचक को दान देहरी के अंदर से ही करे, उसे घर की देहरी के अन्दर नहीं आने दे।
यदि नियमित रूप से घर की रोटी गाय को तथा अंतिम रोटी कुत्तो को जो लोग देते है तो उनके उतरोतर वृद्धि होती है, वंश वृद्धि होती है।
घर में कभी भी नमक खुले डिब्बे में न रखे। क्षार बंद ही होना चाहिए।
प्रातः उठकर सर्वप्रथम गृहलक्ष्मी यदि मुख्य द्वार पर एक गिलास अथवा लोटा जल डाले तो माँ लक्ष्मी के आने का मार्ग प्रशस्त होता है।
नित्य पीपल के पेड़ में जल डालने से भी आर्थिक सम्पन्नता रहती है।
यदि घर में सुख शांति चाहते है तो घर में कबाड़ न रखे। प्रत्येक अमावस्या को घर की पूर्ण सफाई कर फालतु के सामान को कबाड़ी को बेच दे, या बाहर फेंक दे। सफाई के बाद पांच अगरबत्ती पूजागृह में करे।
यदि हमेशा गेंहुँ शनिवार के दिन पिसवावे तथा गेंहुँ में एक मुठ्ठी काले चने डालकर पिसवावे तो आर्थिक वृद्धि होती है।
किसी बुधवार के दिन यदि आपके सामने हिंजड़ा आ जाये तो उसके मांगे बिना ही उसे पैसा अवश्य दे। यदि आप आर्थिक रूप से समस्या ग्रस्त है तो 21 शुक्रवार तक 9 वर्ष से कम आयु की पांच कन्याओ को खीर व मिश्री बांटे।
घर में जितने भी दरवाजे हो, उनमे समय-समय पर तेल डाले रखे जिससे बंद करते वक्त रगड़ से आवाज न आवे।
आर्थिक समस्या का निदान करने के लिए पांच शुक्रवार तक किसी सुहागिन स्त्री को सुहाग सामग्री का दान करे। सुहाग सामग्री आपकी क्षमतानुसार होनी चाहिए।
जब भी बैंक या ए.टी.एम. में से पैसे निकाले तब मन ही मन कोई भी लक्ष्मी मन्त्र का जाप अवश्य करे। बड़ा मंत्र याद न हो तो बीज मंत्र "श्री" का ही जाप कर ले।
संध्याकाल एवं प्रातः काल में किसी को उधार न दे। अन्यथा पैसे वापिस मिलने में मशक्कत करनी पड़ सकती है।
शुक्रवार को किसी सुहागिन को लाल वस्त्र अथवा सुहाग सामग्री दान करने का मौका मिले तो जरुर करे। माँ लक्ष्मी के आपके घर में आगमन का संकेत है।
यदि अचानक आर्थिक हानि हो रही है, या सट्टे में पैसे डूब गये है तो सात शुक्रवार को सात सुहागिनों को अपनी पत्नी के माध्यम से लाल वस्तु उपहार में दे। उपहार में इत्र का प्रयोग भी करे। हानि बंद होना लगेगी।
यदि गमन मार्ग पर मोर नृत्य करता दिखाई दे तो तुरंत उस स्थान की मिट्टी उठाकर जेब या पर्स में रखकर घर आवे तथा धूप दीप दिखाकर मिट्टी को चाँदी के ताबीज या लाल रेशमी वस्त्र में रखकर अपने धन रखने के स्थान पर रख दे।
यदि किसी शुक्रवार को कोई सुहागिन स्त्री अनायास बिन बुलाये आपके घर आती है तो उसका सम्मान कर जलपान कराये।
यदि धनतेरस के दिन घर में छिपकली के दर्शन होते है तो यह तय है कि पूरा वर्ष शुभ रहेगा। अगर संयोग से दिखाई दे जाये तो यह स्मृति में रखे कि आज छिपकली दर्शन एक विशेषश्शगुन है। तुरंत छिपकली को प्रणाम करे सम्भव हो तो छिपकली की कुमकुम के छींटे उछाल कर मंगल कामना करे। कहा भी है- धनतेरस को छिपकली दर्शन को तरसे। गर दिख जाय तो छप्पर फाड़कर धन बरसे।
फेंगशुई द्वारा सौभाग्यशाली बनने के सरल उपाय
घरो में मंगल तथा शुभ चिन्हो का प्रयोग करे। प्राचीन काल से ही लोग भाग्यवान बनने के लिए मांगलिक लिपियों एवं प्रतिको का प्रदर्शन करते आए है। घरो में त्रिशूल, ॐ और स्वस्तिक चिन्ह होना ही चाहिए इनका प्रयोग एक साथ करना विशेष लाभप्रद माना गया है मांगलिक चिन्ह कई मुसीबतो से बचाते है।बैठक के दक्षिण-पश्चिम दिशा के कोने में परिवार के सदस्यो की प्रसन्न मुद्रा वाली छाया चित्र लगाना चाहिए। पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम उतरोतर बढ़े इसके लिए शयनकक्ष के दक्षिण-पश्चिम दिशा वाले कोने में दोनों की प्रसन्नचित मुद्रा वाला छाया चित्र लगाना चाहिए।
दरवाजे के ठीक सामने कभी नहीं सोना चाहिए। सदैव यह ध्यान रखे कि प्रवेश द्वार की ओर पैर करके न सोए। सोये समय यह ध्यान रखे कि आपका सिर अथवा पैर सीधे दरवाजे के सामने न हो, इसलिए अपना पलंग दरवाजे के दायी ओर या बायीं ओर खिसका देना चाहिये।
झाड़ू सदा छिपाकर रखे। खुले स्थान पर झाड़ू रखना अपशकुन मन जाता है। यदि आप अपने घर के बाहर मुख्य द्वार के सामने झाड़ू उलटी करके रखते है तो यह घुसपैठियों से घर रक्षा करती है, किन्तु यह कार्य केवल रात को किया जा सकता है। दिन के समय झाड़ू छिपाकर रखे, ताकि वह किसी को नजर न आए। भोजन कक्ष में झाड़ू को भूलकर भी न रखे। इससे अन्न व आय के साफ होने का डर रहता है।
अलमारी सदैव बंद रखे। पुस्तके पढ़ने का शौक अच्छा है किन्तु घर के पुस्तकालय की अलमारी को बंद रखे एवं नकारात्मक ऊर्जा से बचे।
दर्पण को शयनकक्ष में नहीं लगाना चाहिए। पलंग के सामने आईना पति-पत्नी के वैवाहिक सम्बन्धो में तनाव पैदा कर सकता है। यदि दर्पण है तो उसे ढककर रखे। कमरे की छत पर भी आईना न लगावे। पलंग पर सो रहे पति-पत्नी को प्रतिबिम्ब करने वाला आईना तलाक का कारण बन सकता है, इसलिए रात्रि के समय आईना दृष्टि से ओझल हो या ढंका हुआ हो।
सूखे फूलो को घर से बाहर फेंक दे। पौधे एवं ताजे पुष्प फेंगशुई के उपयोगी शस्त्र है। ताजा फूल लगाये जा सकते है। तजा फूल जीवन के प्रतीक है जब कि सूखे फूल मृत्यु के सूचक है। फूलो के पौधे शयनकक्ष के बजाय बैठक अथवा भोजन कक्ष में रखना शुभ है। मुरझाने पर उन्हें हटा देना चाहिए। ताजा फूलो के बजाय कृत्रिम फूलो का उपयोग कर सकते है।
शुभ परिणामो के लिए दरवाजे के पास पानी रखे। यह उत्तर, पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर के दरवाजो के लिए उपयोगी है। पानी से भरे पात्र को दरवाजे के पास केवल बांयी ओर रखना चाहिए। अर्थात जब आप घर में खड़े हो और बाहर देखे तब आपके बांयी ओर पानी का पात्र हो। इसके तहत लघु मछली घर या पानी में स्थित डॉल्फिन का चित्र भी हो सकता है। दरवाजे के दांयी तरफ पानी रखने से व्यक्ति किसी दूसरी महिला प्रेमपाश में बद्ध हो सकता है अतः दरवाजे के दांयी तरफ पानी खराब परिणाम होता है।
फेंगशुई के अनुसार भी भाग्य वृद्धि के लिए घोड़े की नाल को मुख्य द्वार के ऊपर दरवाजे के फ्रेम के बाहर लगा सकते है। इसके दोनों सिरे नीचे की तरफ हो। घोड़े की नाल घातु तत्व है, इसलिए पूर्व और दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर वाले दरवाजो पर इसका प्रयोग न करे।
यहाँ तक नवां चरण समाप्त होता है।
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