बुधवार, 13 नवंबर 2013

धन लक्ष्मी साधना एवं प्राप्ति के उपाय - पुस्तक ( पेज न. 8 )

                                                         
     
                                                              पेज न. 8                                         
                                        दीपावली पर लक्ष्मी प्राप्ति के टोटके

                         दीपावली के  दिन पूजन से पहले रात्रि को नारियल खीर घर के ऊपर से नीचे सब जगह घूमे। ध्यान रहे जिस स्थान से आप निकल चुके है , वहां दुबारा न जाये। फिर नीचे मुख्यद्वार पर नारियल फोड़ दे एवं खीर वही छोड़ दे।
                         दीपावली के पूजन से पहले किसी गरीब सुहागिन स्त्री को अपनी पत्नी के द्वारा सुहाग सामग्री अवश्य दे। इससे लक्ष्मी प्रसन्न होती है। सामग्री में इत्र अवश्य होना चाहिए।
                        दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन के समय लाल कपडे में काली हल्दी के साथ सिंदूर व कुछ सिक्के तथा रुपयो की भी पूजा करे। अगले दिन उनको उसी लाल कपडे में बांधकर अपनी तिजोरी में रखे एवं चमत्कार देखे।
                       दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन के समय 501 ग्राम सूखे छुआरों का भी पूजन करे। अगले दिन उन छुआरों को लाल कपडे में बांधकर तिजोरी या गल्ले में रखे। 51 दिन तक एक रुपया मंदिर में लक्ष्मी के नाम से अर्पित कर सम्पन्नता की प्रार्थना करे एवं उसका असर देखे।
                       माँ लक्ष्मी के स्थिरत्व के लिए प्रति वर्ष दीपावली के दिन रात्रि ठीक 12 बजे घी के दीपक जलाकर अपने निवास के चौक में एक चक्र बनाकर उसके मध्य रोली से "श्री" लिखे, उसके चारो ओर दीपक रख दे एवं "श्री" शब्द की एक माला का जाप करे।
                      दीपावली के दिन अभिमंत्रित प्राण प्रतिष्ठित "व्यापार वृद्धि यंत्र" को पञ्च तत्व से शुद्ध करके नागकेशर लगाकर, मूंगे की माला से निम्न मन्त्र का 108 बार जाप करे- ।। ॐ श्रीं श्रियै नमः स्वाहा।। व्यापार में उतरोधर लाभ को प्राप्त करे।
                      दीपावली रात्रि में 21 हकीक पत्थरो का पूजन करके निवास में कही गाढ़ दे तो आपके निवास में वर्ष भर माँ लक्ष्मी का वास स्थायी रहेगा।
                     दीपावली पूजन से पूर्व पीपल के पांच पत्ते लेकर प्रत्येक पत्ते पर एक पनीर या छेने की मिठाई रखकर आटे का दीपक बनाकर उसके साथ जल में दूध, शहद व शक्कर मिलाकर पीपल के वृक्ष के निचे पत्तो को अर्पित कर दे, अगरबत्ती, दीपक व दुध भी चढ़ावे। हाथ जोड़कर मानसिक प्रार्थना कर वापिस आ जाये। पीछे मुड़कर न देखे। इसके बाद शनिवार व मंगलवार को भी इसी क्रिया को करना है। पत्तो का प्रयोग नहीं करके आटे के दीपक में पंचामृत, पनीर का टुकड़ा, अगरबती जलनी है चमत्कार आप खुद देखेंगे।
                    दीपावली रात्रि पूनम के समय 108 पत्तो पर "ॐ श्री हीं महालक्ष्म्यै नमः" का जाप करते हुए रोली से "श्री" लिखे। पूजन के बाद इन पत्तो की वन्दनवार बनाकर अपने घर के मुख्यद्वार पर लगा दे। प्रातः धूप दीप एवं अगरबत्ती लगाकर वन्दनवार उतार ले एवं नए लाल वस्त्र में बांधकर उस पर सिंदुर में चमेली का तेल मिलाकर "श्री" लिखकर अपने धन के स्थान पर रखे। फिर 21 दिन लगातार "श्री" उच्चारण के साथ 11 अगरबत्ती करे एवं प्रत्यक्ष प्रभाव को देखे।
                   माता अन्नपूर्णा की कृपा के लिए स्वानुभाव यह प्रयोग करे - तीन छोटी मटकियों में दीपावली पूजन के समय क्रमशः 800 ग्राम साबुत काली उड़द, 300 ग्राम चने एवं 900 ग्राम लाल मसूर की दाल का भी पूजन करे। एक अन्य मटकी में पांच प्रकार के अनाज भरकर पूजन करे। एक अन्य सवा मीटर काले कपडे में आठ सौ ग्राम काली साबुत उड़द व इतने ही काले तिल व सवा किलो नमक के साथ एक नारियल रखे। यह सामग्री पूजा स्थल से अलग रखनी है। जब पूजा समाप्त हो जाय तो तीन मटकियों को रसोईघर में रखे। नारियल के अतिरिक्त बाकि सारी सामग्री काले कपडे में लपेटकर पोटली बनाकर किसी चौराहे पर रख दे तथा नारियल वही फोड़ दे। आते वक्त पीछे नही देखे। घर में हाथ पैर धोकर प्रवेश करे। इस प्रयोग से नजर बाधा दूर होकर माँ अन्नपूर्णा की कृपा होकर धनागमन होता है। राहु-शनि की दशा का कुप्रभाव भी समाप्त हो जाता है।



                                 लक्ष्मी प्रसन्न करने के लिए यह भी करिये 

              दीपावली के दिन मोर पंख लगाइये- डाईंग रुम एवं शयनकक्ष में। इनकी संख्या सात-सात होनी चाहिए। ये पंख नकारात्मक प्रभाव को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव करेंगे। 
              लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए गृह लक्ष्मी को प्रसन्न करे। दीपावली के दिन नींद में सोयी पत्नी के पांव में चुपचाप चाँदी की पायल पहना दे। 
              दीपावली के दिन श्याम तुलसी के चारो ओर उगी घास को पीले रंग के कपडे में बांधे और उसे ड्रेसिंग टेबल पर रखे, सौभाग्य बढ़ेगा।
              चार मुख वाले दीपक को पूरी रात जलाये, बुझने न दे। आंगन में हो तो और अच्छा है। मुख्य द्वार खुला रखे। लक्ष्मी की कृपा बरसेगी। 
              महानिशाकल अर्थात रात के 12 बजे से 4 बजे घर के किसी भी भाग कमरो, बरामदे में अँधेरा न हो। दीपक जलाये रखे पूरा वर्ष प्रकाशमय रहेगा। 
              तिजोरी, गुल्ला, या घर का वह भाग जहा जेवर, रूपये पैसे रखते है, वहा उल्लू के पंख को रख दे। प्रत्येक शुक्रवार को धुप-अगरबत्ती करे। भगवती लक्ष्मी का ध्यान करे। वह स्थान हमेशा भरा रहेगा।                 दीपावली के दिन अगर बिल्ली या उल्लू घर में आकर बैठ जाये तो भूल से भी उन्हें भगाए नही, ये आपके घर में धन-समृद्धि के संकेत है। 
              दीपावली के दिन जहा रूपये, जेवरात रखते है उस तिजोरी, बक्सा या लॉकर पर धनिये के दाने, काली गूंजा के दाने डाले। इससे व्यापर में होता नुकसान, घाटा रुक जायेगा। 
              दीपावली के दिन घर की मुख्य महिला को घर के मुख्य दरवाजे पर ताम्र पात्र से पानी छिड़कना चाहिए। यह प्रयोग प्रति दिन हो तो धन-धान्य में कोई कमी नही रहेगी। 
              दीपावली के दिन गोपी चन्दन की नौ डडल्या लेकर एक पीले रंग के दागे से केले के वृक्ष पर बांध कर अगरबत्ती करे। इससे धन का योग बनता है। 
             दीपावली के दिन ब्रह्म मुहर्त में स्नानादि से निवृत होकर एक मुठ्ठी शुद्ध बासमती चावल बहते जल में प्रवाहित करे। लाभ होगा। 
             दीपावली के दिन सात रंग के हकीक पत्थर को महीन-झीने (पारदर्शी) कपडे में बांधकर घर के मुख्य दरवाजे पर लटका दे। ग्राहको का आना बढ़ेगा तथा साथ ही अधिक आमदनी होगी। 

                                         
                                        यहाँ तक आठवां चरण समाप्त होता है। 







            




































                                                     




        

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